मेरी फसल मेरा ब्यौरा हरियाणा रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन कैसे करें – मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल 2023

मेरी फसल मेरा ब्यौरा हरियाणा रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन कैसे करें  – मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल 2023 – Meri Fasal Mera Byora Registration Kaise Kare

उद्देश्य : मेरी फसल, मेरा ब्यौरा

“मेरी फसल, मेरा ब्यौरा” हरियाणा सरकार की एक पहल है जो किसानों को उनकी फसलों के लिए एक डिजिटल ब्यौरा प्रदान करती है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य हरियाणा के किसानों को उनकी फसल के विवरण और सम्बंधित सूचनाओं तक पहुंच प्रदान करना है।

Table of Contents

यह एक मुफ्त मोबाइल ऐप है, जो किसानों को उनकी फसलों से जुड़ी सभी जानकारी प्रदान करती है। यह ऐप किसानों को उनकी फसलों के सभी विवरण जैसे कि फसल के नाम, खेत का आकार, कृषि उपज की समय सीमा आदि प्रदान करता है।

इसके अलावा, इस ऐप में किसानों को समय पर फसलों के सेवन और पानी देने की सलाह भी दी जाती है। ऐप में इसके अलावा फसल संबंधित खरीदारों की सूची भी उपलब्ध है, जिससे किसान अपनी फसल को बेहतर कीमत पर बेच सकते हैं।

किसान फसल बीमा पोर्टल पर शीर्षक जानकारी
फसल बीमा क्या है? फसल बीमा किसानों के लिए एक बीमा योजना है जो फसल के क्षतिग्रस्त होने पर उन्हें नुकसान की राशि देती है।
फसल बीमा कैसे करें? किसान फसल बीमा पोर्टल पर जाकर फसल बीमा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।
मेरी फसल मेरा ब्यौरा क्या है? मेरी फसल मेरा ब्यौरा हरियाणा सरकार द्वारा चलाई गई एक ऑनलाइन पोर्टल है जिसके माध्यम से किसान अपनी फसल से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
मेरी फसल मेरा ब्यौरा कैसे चेक करें? किसान फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जाकर अपने फसल का स्टेटस चेक कर सकते हैं।
फसल की बोआई कब होती है? फसल की बोआई अलग-अलग फसलों के लिए अलग-अलग होती है, लेकिन आमतौर पर मार्च या अप्रैल महीने में होती है।
हरियाणा में बाजरे की खरीद कब होगी? हरियाणा सरकार द्वारा बाजरे की खरीद जून से शुरू होती है।

 

https://fasal.haryana.gov.in वेबसाइट सरकारी विभाग द्वारा शुरू की गई एक पहल है जो हरियाणा राज्य के किसानों को कृषि से संबंधित संसाधन और जानकारी के आसान उपलब्धता प्रदान करती है। इस वेबसाइट पर कई सेवाएं हैं जो किसानों को सशक्त बनाने और उनकी कृषि व्यवसाय को सुधारने के लिए निर्देशिका प्रदान करती हैं।

Fasal Haryana वेबसाइट पर फसल उत्पादन से संबंधित विस्तृत जानकारी उपलब्ध है, जिसमें फसलों के विभिन्न प्रकार, बुआई की विधि, उर्वरक उपयोग, कीट-रोग नियंत्रण, सिंचाई तकनीक, और फसल काटने की विधि के बारे में विवरण दिया गया है। वेबसाइट अधिकारियों द्वारा जारी की जाने वाली मौसम की जानकारी, बाजार कीमतों, और कृषि से संबंधित सरकारी योजनाओं के बारे में भी सूचना प्रदान करती है।

Fasal Haryana वेबसाइट का एक मुख्य विशेषता मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना है, जो किसानों को उनकी मृदा स्वास्थ्य का विस्तृत विश्लेषण प्रदान करती है।

किसान का पंजीकरण, फसल का पंजीकरण, खेत का ब्यौरा और फसल का ब्यौरा |

इस ब्यौरे के माध्यम से किसान अपनी फसल की सम्पूर्ण जानकारी दर्ज करवा सकते हैं।

किसान का पंजीकरण:

किसानों को सबसे पहले “मेरी फसल, मेरा ब्यौरा” के वेबसाइट पर पंजीकरण करवाना होगा। वेबसाइट पर जाकर किसान को अपनी जानकारी दर्ज करनी होगी जैसे कि नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार नंबर आदि। इसके बाद किसान को एक यूजरनेम और पासवर्ड मिलेगा।

फसल का पंजीकरण:

फसल के पंजीकरण के लिए, किसान को अपने यूजरनेम और पासवर्ड से लॉगिन करना होगा। उसके बाद किसान को अपनी फसल के बारे में सभी जानकारी दर्ज करनी होगी जैसे कि फसल का नाम, खेत का आकार, खेत का पता आदि। फसल के पंजीकरण के बाद, किसान अपनी फसल की जानकारी पर नजर रख सकते हैं।

खेत का ब्यौरा:

खेत का ब्यौरा दर्ज करने के लिए, किसान को वेबसाइट पर लॉगिन करना होगा। लॉगिन करने के बाद, उन्हें खेत का विस्तृत ब्यौरा दर्ज करना होगा। यह ब्यौरा खेत की जमीन के आकार, पता और जमीन का प्रकार जैसी जानकारी शामिल करता है। इसके अलावा, उस खेत में पैदा होने वाली फसलों के बारे में भी जानकारी दर्ज की जाती है।

 कृषि संबंधित जानकारियाँ समय पर उपलब्ध करना |

कृषि संबंधित जानकारी समय पर उपलब्ध कराना किसानों के लिए बहुत आवश्यक होता है। इसलिए, हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई “मेरी फसल, मेरा ब्यौरा” योजना के तहत, कृषि संबंधित जानकारी को समय पर उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।

इस योजना के अंतर्गत, किसान अपनी फसलों के बारे में विस्तृत जानकारी डिजिटल रूप से दर्ज कर सकते हैं। इसके अलावा, सरकार द्वारा विभिन्न प्लेटफॉर्मों के माध्यम से कृषि संबंधित जानकारी भी उपलब्ध कराई जाती है।

इन प्लेटफॉर्मों के माध्यम से, किसानों को मौसम की जानकारी, बीमा योजनाएं, उन्नत खेती के तरीके, नए उत्पादों और तकनीकों की जानकारी आदि उपलब्ध होती है। इसके अलावा, किसान अन्य विभिन्न जानकारियों जैसे बाजार रेट, बीज, खाद और कीटनाशकों की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।

खाद्य ,बीज ,ऋण व कृषि उपकरणों की सब्सिडी समय पर उपलब्ध करवाना |

खाद्य, बीज, ऋण और कृषि उपकरणों की सब्सिडी समय पर किसानों तक पहुंचाना बहुत जरूरी होता है। हरियाणा सरकार ने “मेरी फसल, मेरा ब्यौरा” योजना के तहत कृषि सब्सिडी को समय पर उपलब्ध करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए हैं:

  1. डिजिटल मोड के माध्यम से: हरियाणा सरकार ने डिजिटल मोड को सरल बनाने के लिए विभिन्न पोर्टल जैसे कि हरियाणा सरकार कृषि विभाग के आधिकारिक पोर्टल, कृषि विपणन पोर्टल, कृषि सुविधा केंद्र, विभिन्न बैंकों के नेटबैंकिंग पोर्टल, कृषि ऋण पोर्टल आदि शुरू किए हैं जिनके माध्यम से किसान सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  2. वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से: हरियाणा सरकार ने विभिन्न बैंकों और कृषि वित्तीय संस्थाओं के साथ कृषि सब्सिडी के लिए समझौता किया है। इन संस्थाओं के माध्यम से किसान सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं और समय पर सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।
  3. कृषि संबंधित संगठनों के माध्यम से: हरियाणा सरकार ने कृषि संबंधित संगठनों जैसे कृषि उत्पादक संगठन, किसान सहयोग समिति, कृषि कल्याण समिति आदि को भी सम्मिलित किया है। ये संगठन सब्सिडी के लिए आवेदन करते हैं और सब्सिडी प्राप्त करने के बाद किसानों को वितरित करते हैं।
  4. विभिन्न योजनाओं के तहत सब्सिडी: हरियाणा सरकार ने कई योजनाओं के तहत भी कृषि सब्सिडी प्रदान की है। इनमें से कुछ प्रमुख योजनाएं हैं जैसे परम्परागत खेती प्रबंधन योजना, परिवर्तन निधि योजना, किसान फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना आदि।

इन सभी उपायों के माध्यम से हरियाणा सरकार कृषि सब्सिडी को किसानों तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है। इससे किसानों को अधिक समय और दिनों का इंतजार नहीं करना पड़ता है जो उनकी फसलों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।

 फसल की बिजाई-कटाई का समय व मंडी संबंधित जानकारी उपलब्ध करना |

हरियाणा सरकार ने कृषि उत्पादों के विक्रय को सुनिश्चित करने के लिए कई मंडियों का निर्माण किया है। यहां पर हम आपको हरियाणा में फसल की बिजाई-कटाई के समय और मंडी संबंधित जानकारी दे रहे हैं:

  1. फसल की बिजाई का समय: हरियाणा में फसल की बिजाई का समय अक्टूबर से नवंबर के महीनों में होता है। अलग-अलग फसलों के लिए अलग-अलग बिजाई के समय होते हैं। जैसे धान की बिजाई अक्टूबर में की जाती है, गेहूँ की बिजाई नवंबर में की जाती है।
  2. फसल की कटाई का समय: हरियाणा में फसल की कटाई का समय फरवरी से अप्रैल के महीनों में होता है। फसलों की कटाई के समय भी अलग-अलग होते हैं। जैसे गेहूँ की कटाई मार्च-अप्रैल में की जाती है।
  3. मंडी संबंधित जानकारी: हरियाणा में कई मंडियां हैं जहां कृषि उत्पादों की बिक्री की जाती है।

प्राकृतिक आपदा-विपदा के दौरान सही समय पर सहायता दिलाना |

प्राकृतिक आपदा विपदा के दौरान किसानों की मदद बहुत आवश्यक होती है। इस समय पर सही समय पर सहायता दिलाना बहुत महत्वपूर्ण होता है। हरियाणा सरकार ने किसानों की मदद के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।

हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए कई आपदा प्रबंधन योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं के तहत किसानों को आपदा के समय पर सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इन योजनाओं में खाद्य, पानी, ऊर्जा और आवास जैसी सुविधाओं की सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

इसके अलावा, हरियाणा सरकार ने अपने विभिन्न कृषि योजनाओं के तहत किसानों के लिए सहायता उपलब्ध कराई है। इन योजनाओं में खेती संबंधित उपकरणों जैसे जलावृत्ति, एवं समझौते जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

इसके अलावा, केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कृषि योजनाओं में भी किसानों को आपदा के समय पर सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

 हरियाणा के किसान  लॉग इन फॉर्म

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 पंजीकरण प्रिंट (हरियाणा)

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 बैंक विवरण बदलें (हरियाणा)

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 ई-फसल क्षतिपूर्ति सूचना देने के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पर फसल का पंजीकरण अनिवार्य है।

मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना में फसल का पंजीकरण अनिवार्य है। यह आपकी फसल की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के साथ-साथ आपको किसी भी आपदा या विपदा के समय सहायता प्रदान करने में भी मदद करता है।

ई-फसल क्षतिपूर्ति सूचना देने के लिए फसल का पंजीकरण अनिवार्य है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि आपकी फसल एक आधिकारिक रूप से पंजीकृत है। इससे आप फसल संबंधी जानकारी को अपडेट कर सकते हैं और इसे सही ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं। इसके साथ ही, जब आपकी फसल किसी अप्रत्याशित घटना के कारण नुकसान पहुंचती है, तो आप फसल के पंजीकृत होने के कारण आसानी से फसल क्षतिपूर्ति सूचना देने में सक्षम होते हैं।

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पड़ोसी राज्य के किसान (जिनकी ज़मीन हरियाणा में है)

पड़ोसी राज्य के किसानों के लिए हरियाणा सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं जो कि उन्हें बेहतरीन मदद प्रदान करती हैं। हरियाणा सरकार ने पड़ोसी राज्य के किसानों के लिए विभिन्न सेवाओं की व्यवस्था की है जैसे कि ई-फसल पोर्टल, खेती से जुड़ी जानकारियों के लिए कृषि विभाग की वेबसाइट, कृषि विभाग के संपर्क केंद्र, इत्यादि।

अगर किसान हरियाणा से नहीं है और उसकी जमीन पड़ोसी राज्य में है, तो वह ई-फसल पोर्टल के माध्यम से अपनी फसल के पंजीकरण कर सकता है। इसके अलावा, वह कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर अन्य जानकारियों के लिए भी देख सकता है।

फसल के लिए बीज, खाद्य, उपकरण आदि की सब्सिडी के लिए भी वह हरियाणा सरकार के कृषि विभाग से संपर्क कर सकता है। साथ ही, ई-फसल पोर्टल पर भी उपलब्ध जानकारी के माध्यम से वह सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकता है।

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पंजीकरण प्रिंट (पड़ोसी राज्य के किसान जिनकी ज़मीन हरियाणा में है)

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 बैंक विवरण बदलें (पड़ोसी राज्य के किसान जिनकी ज़मीन हरियाणा में है) 

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अधिकारी अनुभाग

फसल हरियाणा वेबसाइट प्रबंधकों के लिए बनाई गई है, जहां प्रबंधक अपनी आधिकारिक पंजीकृत लॉगिन क्रेडेंशियल का उपयोग करके अपने खाते में लॉग इन कर सकते हैं। यह वेबसाइट उन्हें कृषि संबंधित सूचनाओं, फसल की विवरण, वार्षिक फसल विवरण, खेत विवरण, उपलब्ध राशि की जानकारी, किसानों की सूची, अनुसूचित जाति किसानों की सूची और अन्य कृषि संबंधित सूचनाओं की पहुंच प्रदान करती है।

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इस वेबसाइट का उद्देश्य प्रबंधकों को कृषि विभाग की सूचनाओं और सेवाओं के लिए एक सेंट्रल डेस्क प्रदान करना है। यह वेबसाइट कृषि संबंधित सेवाओं के लिए एक स्थान है जहां प्रबंधक सूचना प्राप्त कर सकते हैं और खेतों की स्थिति और फसल की स्थिति के बारे में नवीनतम सूचनाएं प्राप्त कर सकते हैं।

 इस तरह से, “https://fasal.haryana.gov.in” एक विश्वसनीय और लाभकारी पहल है जो हरियाणा के किसानों के लिए उपलब्ध है। इस वेबसाइट के माध्यम से, किसानों को फसल संबंधित सभी जानकारियां, सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी, ऋण और सब्सिडी की जानकारी, कृषि उपकरणों की खरीद के लिए ऑनलाइन आवेदन और फसल की बिजाई-कटाई के समय व मंडी संबंधित जानकारी उपलब्ध होती है। इस वेबसाइट के माध्यम से, किसानों को फसल संबंधित समस्याओं से निपटने के लिए सही दिशा-निर्देश भी दिए जाते हैं।

इसके अलावा, इस वेबसाइट में खेती के लिए उपयोगी संबंधित जानकारी और विभिन्न विभागों के विवरण भी उपलब्ध होते हैं। इस तरह, हरियाणा के किसान इस वेबसाइट का उपयोग करके अपनी फसल को बेहतरीन तरीके से उत्पादित करने में सक्षम होते हैं।

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मेरी फसल मेरा ब्यौरा लास्ट डेट कब है?

मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल का उद्देश्य भारत के किसानों को उनकी फसलों की जानकारी समय पर उपलब्ध करवाना है। इस पोर्टल पर फसल की जानकारी अपडेट की जाती है, जिससे किसान अपनी फसलों से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

मेरी फसल मेरा ब्यौरा की शुरुआत कब हुई?

मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल की शुरुआत 2016 में हरियाणा सरकार द्वारा की गई थी। उसके बाद से, यह पोर्टल किसानों को कृषि से जुड़ी जानकारियों और सुविधाओं को उपलब्ध कराता रहा है। इस पोर्टल के माध्यम से किसान अपनी फसल की जानकारी जैसे पंजीकरण, उपज, बिक्री, फसल संबंधित सभी जानकारी आसानी से देख सकते हैं।

फसल गिरदावरी ऐप क्या है?

फसल गिरदावरी ऐप हरियाणा सरकार द्वारा विकसित एक ऐप है जो किसानों को अपनी फसल के गिरदावरी और प्रगति को मॉनिटर करने में मदद करता है। यह एक आधिकारिक ऐप है जो कि किसानों को अपने मोबाइल फोन के माध्यम से फसल गिरदावरी से संबंधित समस्याओं का समाधान करने में सक्षम बनाता है। यह ऐप किसानों को फसल गिरदावरी की जानकारी और उनकी फसल की प्रगति के बारे में सूचनाएं देता है, जिससे किसान अपनी फसल की स्थिति को नियंत्रित कर सकते हैं।

फसल की बोआई कब होती है?

फसल की बोआई का समय उस फसल की जड़ों की प्रकृति, मौसम और भूमि की नमी आदि पर निर्भर करता है। विभिन्न फसलों के लिए इस समय में अंतर होता है।

आमतौर पर, भारत में धान की बोआई जुलाई से सितंबर तक की जाती है। गेहूं और जौ की बोआई अक्टूबर से दिसंबर के महीनों में होती है। मक्का और बाजरा की बोआई मई से जून के महीनों में की जाती है। इसके अलावा, अन्य फसलों के लिए भी बोआई के विभिन्न समय होते हैं।

हरियाणा में सरसों की सरकारी खरीद कब से शुरू होगी?

हरियाणा में सरसों की सरकारी खरीद मार्च के महीने से शुरू होती है। सरकारी खरीद अधिकतम मूल्य निर्धारण और अन्य नियमों के अनुसार की जाती है। किसान सरसों को सरकारी मंडियों में बेच सकते हैं जहां सरकार उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य देती है। इसके अलावा, किसान सरसों को खरीदारों और प्राइवेट खरीद संगठनों के माध्यम से भी बेच सकते हैं।

फसल के लिए क्या क्या जरूरी है?

फसल के लिए निम्नलिखित चीजें जरूरी होती हैं:

बीज: फसल के लिए सही बीज का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

खाद: फसल के लिए उचित मात्रा में खाद की आवश्यकता होती है।

जलवायु: फसल के लिए सही जलवायु का चयन भी महत्वपूर्ण होता है।

जमीन: फसल की अच्छी उत्पादकता के लिए उचित और फलदायी जमीन चुनना जरूरी होता है।

उपकरण: फसल के लिए सही उपकरण का चयन करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

पानी: फसल को सही मात्रा में पानी देना भी महत्वपूर्ण होता है।

प्रबंधन: फसल के लिए सही प्रबंधन की आवश्यकता होती है, जो सही समय पर खेती, बाढ़, सूखे, कीट-रोग नियंत्रण आदि जैसी मुद्दों से निपटने में मदद करता है।

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